Mohit mishra Poems

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आज फिर दर्द छलका।
आँख फिर आज रोयी।
प्रिये, दिल ने फिर से-
स्मृतियाँ संजोई।
...

आज निकला हूँ उड़ने की ख़्वाहिश लिये,
पर दुनिया के आसमान में कहाँ तक जाऊंगा,
माँ मै तेरे दामन में फिर लौट आऊंगा।
दूर आँचल से तेरे तलाशता हूँ जो,
...

3.
मेरे प्यार!

उस रात रह गया,
दिये की थरथराती लौ पर,
काँपता सुबकता हमारा प्यार
स्याह निशा की स्तब्धता-
...

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