मेरी माँ'... Poem by Vikash Ranjan

मेरी माँ'...

तूने मेरे दिल को धड़कना सिखाया,
देकर अपनी खुशियाँ हमें खुश रहना सिखाया,
दिया अपनी उँगलियों का सहारा,
पाँव को मेरे आगे बढ़ना सिखाया,
मेरी हर नादानियों को अपनी खुशी समझ कर,
मेरी हर गलतियों को अपनी ज़िंदगी समझ कर,
मेरी कामयाबी के लिए दिन रात दुआ किया,
जब भी मैं उदास हुआ, तूने प्यार से हमें हँसाया,
तूने मेरे दिल को धड़कना सिखाया,
देकर अपनी खुशियाँ हमें खुश रहना सिखाया,
.......................................... -प्यारी माँ

Thursday, November 12, 2015
Topic(s) of this poem: life
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