ख़्वाब इतनी सी... Poem by Vikash Ranjan

ख़्वाब इतनी सी...

एक चांद होगा एक सूरज होगा,

एक प्यारा सा आसमान होगा ।

हम बनाएंगे एक ऐसा जहां जिस पे सिर्फ हमारा अरमान होगा।

भुला कर यहाँ के लोगों को वहाँ जीना आसान होगा।

एक चांद होगा एक सूरज होगा,

एक प्यारा सा आसमान होगा।


वहाँ की मिट्टी ऐसी होगी, जिसमें पैदा सिर्फ इंसान होगा।

होगी एक ऐसी दुनिया, जिसे देखकर सब हैरान होगा।

हम भी वहां कुछ ऐसे मिलेंगे, दिल में बस तूफान होगा ।

एक चांद होगा एक सूरज होगा,

एक प्यारा सा आसमान होगा ।


फ़कत हमारी मोहब्बत की, कुछ यूँ नाम होगा ।

दो पल की खुशियाँ ही, हमारी जिंदगी का एहतराम होगा ।

एक दिन आएगा ऐसा, जभी जूबाँ पे सबके सिर्फ हमारा ही नाम होगा ।

एक चांद होगा एक सूरज होगा,

एक प्यारा सा आसमान होगा ।

ख़्वाब इतनी सी...
Tuesday, March 22, 2016
Topic(s) of this poem: love and dreams
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