ओ माँ तू बहुत याद आती है... Poem by Vikash Ranjan

ओ माँ तू बहुत याद आती है...

ओ माँ तू बहुत याद आती है,
हर-पल तेरी याद सताती है |
सपनों में भी तू लोरी सुनती है,
ओ माँ तू बहुत याद आती है |

जी चाहता है तेरी गोद में सर रखकर सोने को,
दिल करता है तेरे पास आकार रोने को |
जब भी जिंदगी मुझे ठोकरें देती है,
ओ माँ तू बहुत याद आती है,
हर-पल तेरी याद सताती है |

पास रहने पे तू कितना प्यार जताती है,
अछे-बुरे का फर्क हमें समझती है |
एक पल को भी तुझे भूल नहीं पता हूँ -" माँ "
गम में भी तू हसना सिखाती है,
ओ माँ तू बहुत याद आती है,
हर-पल तेरी याद सताती है |

Friday, March 25, 2016
Topic(s) of this poem: love and life
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success