अब ना रुलाओ Poem by Ahatisham Alam

अब ना रुलाओ

Rating: 5.0

तुम्हारी याद दिल से भुलाई नहीँ जाती
हम तुमसे दूर तो हैं पर ज़िन्दगी बिताई नहीं जाती
कैसे बताएं हम कि किस हाल में जी रहे हैं
इतना दर्द है कि हर पल आंसू पी रहे हैं
हो सके तो मेरी फ़रियाद सुन के वापस आ जाओ
जो तुम बिन अधूरा है मेहरबानी करके उसे अब न रुलाओ

Saturday, June 11, 2016
Topic(s) of this poem: love
COMMENTS OF THE POEM
Madhuram Sharma 14 May 2017

very nyc sir.......heart touching

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