न करे अहम।
वरण करे विनम्रता।
राह है कठिन।
तरुण भारत के निर्माण प्रश्न है।
जग्रत करना हर भारतीय नागरिक को।
यह तुम्हारा हमारा हम सबका भरत वर्ष है।
मातृभूमि की प्रगति के लिए प्रत्येक जन को एक कदम उठाना है।
तालमेल और समझ को प्रेरित करना है।
दीन-हीन व दरिद्रता को दूर भगाना है।
खुशहाली व सम्पन्नता की और कदम बढ़ाना है।
मातृभूमि की प्रगति के लिए प्रत्येक जन को एक कदम उठाना है। तालमेल और समझ को प्रेरित करना है।.... yes, this should be. Beautiful poem. Thanks for sharing.
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem
मातृभूमि की प्रगति के लिए प्रत्येक जन को एक कदम उठाना है। तालमेल और समझ को प्रेरित करना है।.... yes, this should be. Beautiful poem. Thanks for sharing.