राष्ट्रीय भावैक्यता कविता Poem by Ateeq Tazhim

राष्ट्रीय भावैक्यता कविता

Rating: 5.0

वृक्षों पक्षियों पर्वतों नदियों
समुद्र व आकाश सें ।
‘पाठ मानव' - शांति
सर्व धर्मों से पाये हम ॥
जय भारत । जय सर्व धर्म । जय शांति ।

कृषि हम सब,
उपलब्ध करें ।
अन्न पुर्ण जीवीयों को,
बटवाएँ हम ॥
जय भारत । जय कृषि । जय शांति ।

सत्य अहिंसा के,
मर्ग से ।
समयाओं का हल
निकाले हम ॥
जय भारत । जय सत्य - अहिंसा । जय शांति ।

विभिन्नता में अखंडता
राज्य भाषाओं की ।
राष्ट्रीय व जागतिक भाषा
सदा हिंदी रखें हम ॥
जय भारत । जय हिंदी । जय शांति ।

रक्षा होगी,
‘राष्ट्र-दीप' की ।
अंधेरे में,
उजाला दे हम ॥
जय भारत । जय राष्ट्र-दीप । जय शांति ।

इंकलाब जिंदाबाद,
चले जाओ आंदोलन से,
स्वतंत्रता का
विशाल - उद्धेश पाये हम ॥
जय भारत । जय स्वतंत्रता । जय शांति ।

पाठ्यपुस्तकें हमारे
शैक्षणिक व भारतीय ।
सर्व भाषाऐं और लिपियों का
आदर करें हम ।
जय भारत । जय सर्व भाषाऐं व लिपियाँ । जय शांति ।

जंग-ए-आझादी के,
सैनिकों को श्रद्धांजली दे ।
कभि न भूले, उनके,
जीवित कर्तव्य को हम ॥
जय भारत । जय सैनिक । जय शांति ।

विज्ञान की
जानकारी पाये सब ।
सदा प्रयास,
जारी रखें हम ॥
जय भारत । जय विज्ञान । जय शांति ।

भारत की संस्कृति,
एक अदभूत संगम ।
सदा मन से
संविधान का आदर करें हम ॥
जय भारत । जय संविधान । जय शांति ।

स्वदेशी - वस्तुओं का
उपयोग करें हम ।
विदेशी वस्तुओं से,
दूर रहे हम ॥
जय भारत । जय स्वदेशी । जय शांति ।

सर्व मनुष्यों को,
‘शिक्षण' मिलेगा ।
आदर्श नागरिक
बनायेंगे हम ॥
जय भारत । जय शिक्षण । जय शांति ।

क्रोध न लाये
हरगिज हम ।
राष्ट्रीय ऐकता,
कायम रखें हम ॥
जय भारत । जय ऐकता । जय शांति ।

आओं वीरों,
भारत की शान - बढाये ।
‘तिरंग झंड'
लहराये हम ॥
‘तिरंग झंडा',
लहराये हम ॥।
‘तिरंग झंडा',
लहराये हम ॥।


द्वारा प्रकाशित
नेहरु युवा केंद्र (केंद्र सरकार)
विजयपुर - कर्नाटका, भारत

राष्ट्रीय भावैक्यता कविता
Monday, January 2, 2017
Topic(s) of this poem: patriotic
COMMENTS OF THE POEM
Kumarmani Mahakul 02 January 2017

Glory to peace and glory to the nation Bharat. we respect here all religions. We respect each and every language and culture. We find unity in diversity and we love each other. We have taught the world about universal brotherhood. Each text in this poem talks about peace that we need. Glory to this peace. Mountains, trees, birds and all creatures here sing glory of love and glory of nation. Farmers here supply us food grains. We hope to make nice citizens by holding and practicing values of love and peace. An outstanding and very beautiful patriotic poem this is....10

1 0 Reply
Ateeq Tazhim 02 January 2017

India's unity in diversity is an example of peace in itself

0 0
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Ateeq Tazhim

Ateeq Tazhim

Vijaypur, Karnataka, India 586101
Close
Error Success