मदद की जरुरत Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

मदद की जरुरत

मदद की जरुरत

सही वक्त का चुनना
यही है हमारा मानना
वो ही आएगा दौड़कर
जो कुछ नहीं करता सोच कर।

उसके लिए यही समय है
जो मंगलमय है
सही टाइम पर पहुंचना
और मदद का पहुंचाना।

महफ़िल में बहुत जलसा होगा
आदमी का जमावड़ा भी खासा होगा
हर कोई पास आने की कोशिश करेगा
और कामना आशीष की करेगा।

बस कामना करो
आप सामना भी करो
पर मदद की चाह ना हो
आ जाए तो कभी ना भी न हो।

पर आशा जो बढ़ती है
और समझती है
मदद की जरुरत सबको पड़ती है
पर लेती देती तो बनती ही है।

मदद की जरुरत
Wednesday, February 8, 2017
Topic(s) of this poem: poem
COMMENTS OF THE POEM
Mehta Hasmukh Amathalal 08 February 2017

welcome Daksha Dashrath Mistry Unlike · Reply · 1 · Just now

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Mehta Hasmukh Amathalal 08 February 2017

welcome welcome Rupal Bhandari Unlike · Reply · 1 · Just now

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Mehta Hasmukh Amathalal 08 February 2017

welcome Manisha Mehta Unlike · Reply · 1 · Just now

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Mehta Hasmukh Amathalal 08 February 2017

पर आशा जो बढ़ती है और समझती है मदद की जरुरत सबको पड़ती है पर लेती देती तो बनती ही है।

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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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