मदद की जरुरत
सही वक्त का चुनना
यही है हमारा मानना
वो ही आएगा दौड़कर
जो कुछ नहीं करता सोच कर।
उसके लिए यही समय है
जो मंगलमय है
सही टाइम पर पहुंचना
और मदद का पहुंचाना।
महफ़िल में बहुत जलसा होगा
आदमी का जमावड़ा भी खासा होगा
हर कोई पास आने की कोशिश करेगा
और कामना आशीष की करेगा।
बस कामना करो
आप सामना भी करो
पर मदद की चाह ना हो
आ जाए तो कभी ना भी न हो।
पर आशा जो बढ़ती है
और समझती है
मदद की जरुरत सबको पड़ती है
पर लेती देती तो बनती ही है।
welcome welcome Rupal Bhandari Unlike · Reply · 1 · Just now
welcome Manisha Mehta Unlike · Reply · 1 · Just now
पर आशा जो बढ़ती है और समझती है मदद की जरुरत सबको पड़ती है पर लेती देती तो बनती ही है।
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem
welcome Daksha Dashrath Mistry Unlike · Reply · 1 · Just now