वो फिर गुम हो गया
वापस उसी तरह से
जैसे वो कुछ वक्त पहले हो गया था
बयाँ ना कर सकूँ
ऐसे तमाम एहसास
मेरे आसपास गश्त लगा रहे हैं
कुछ झुन्झलाया हुआ
कुछ काँटों पर चलने सा
गला रून्धला रहा है
सिसकियाँ शुरू हो चुकी हैं
आँखें आँसुओं में डूब रहीं हैं
पलकों पर बोझ आगया है
दिल अब किसी उम्मीद पर
भरोसा नहीं करना चा रहा है
कईं बार भरोसा जो तोड़ा है उम्मीद ने
बड़ी बेतरबियत से बड़ी बेदिली से
भावनाओं की खूबसूरत अभिव्यक्ति. धन्यवाद, अभिलाषा जी.दिल अब किसी उम्मीद पर भरोसा नहीं करना चा रहा है कईं बार भरोसा जो तोड़ा है उम्मीद ने
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Gham mein doobe dil ki dastan bakhubi bayan kar di aapne.......