हे भगवान भास्कर, पथ -दर्शक, सौभाग्यआपके कृपा-उपहार,
मन बुद्धि चित्त स्थिर रखते हे देव! करते दीन जन उद्धार।
हों हमारे तन-मन पुष्ट, परिजन परिकर सब बनें समृद्ध,
'नवीन' सब मँगल कर्म रहें रत, आपकी कृपा में रहें सदा आबद्ध।।
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