सब कुछ लुटा उस बैरी ने
ये बात किसे मैं बतलाऊँ
दिल का दर्द कहाँ ले जाऊं
मैं ये दर्द कहाँ ले जाऊं।
जिसके लिए मैं जीती थी
जिसके लिये ही मरती थी
दूर ना हो जाऊं उससे
सोच के बस ये डरती थी
दिल का खिलौना तोड़ गया वो
चेहरा मुझसे मोड़ गया वो
पलटकर न देखा एक बार भी
मुझे कितना तन्हा छोड़ गया वो
हाल इस दिल का किसको सुनाऊं
दिल का दर्द कहाँ ले जाऊं।
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