जीवन रस Poem by Rinku Tiwari

जीवन रस

आये है तो रस पान करें
कभी सुख रस का
है कभी रस दुःख का
कभी मिलती है क्रोध रस
कहीं मिल जाती है करुण रस
अमृत रस समान है ज्ञान
मिलेगी अपने अंदर
मंथन की तैयारी हो
प्रथम विष रस का पान करें

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