शब्द
शब्द में ही मान है, शब्द ही अपमान है,
शब्द में छिपा हे अभिमान;
शब्द में ही वाद है, शब्द ही विवाद है,
शब्द मधुर रचता संवाद।
शब्द से ही शान हे, शब्द ही निशान है,
शब्द करे दिल को परेशान;
शब्द में ही दाद है, शब्द ही फ़रियाद है,
शब्द ही है खट्टी-मीठी याद।
शब्द ही तो राज़ है, शब्द ही आवाज है,
शब्द से ही अंत और आगाज़;
शब्द से ही राग है, शब्द ही आलाप है,
शब्द से है कविता कलाप।
शब्द ही प्रभाव है, शब्द दुष्प्रभाव है,
शब्द है गलत, तो दे घाव;
शब्द ही दवा है, शब्द ही दुआ है,
शब्द में समाया है सदभाव।
शब्द ही मिसाल है, शब्द बेमिसाल है,
शब्द की है दुनिया विशाल;
शब्द ही सवाल है, शब्द ही जवाब है,
शब्द के है अर्थ लाजवाब।
शब्द है तो भक्ति है, शब्द अभिव्यक्ति है,
शब्द की है शक्ति अपार;
शब्द मन-प्रकृति है, शब्द में विकृति है,
शब्द तोड़े-जोड़े संसार।
शब्द से ही ज्ञान है, शब्द में गुमान है,
शब्द सही देते सन्मान;
शब्द कभी भ्रम है, शब्द ही परब्रह्न है,
शब्द की तू शक्ति पहचान।
(दोहा)
शबद शबद में फेर है, शबद मांगे विचार;
मौन से जब उत्तम लगे, सिर्फ तभी उच्चार।
© देवांशु पटेल
शिकागो
6/30/2018
Maan, apmaan, waad aur wiwaad...ye sab shabd se hi jude hain.....extremely beautiful sir...10
शब्द है तो भक्ति है, शब्द अभिव्यक्ति है, शब्द की है शक्ति अपार; बहुत सुन्दर कविता है।मन की गहराई में उतर कर शब्द के हर कोण को पहचाना है आपने।धन्यवाद लिखने और लगाने का।
शब्द कभी भ्रम है, शब्द ही परब्रह्न है, शब्द की तू शक्ति पहचान।.... //.... shabd ki mahima aparampaar hai. bahut sundar kavita. dhanywad.
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शब्द से ही राग है, शब्द ही आलाप है, शब्द से है कविता कलाप।... शब्द है तो भक्ति है, शब्द अभिव्यक्ति है, शब्द की है शक्ति अपार; ... Ah what lovely expressions! And then at the end such an appropriate doha, Great, dear Devanshu, I wonder how I missed this earlier.