कालातीत वृत Poem by Utpal Thaker

कालातीत वृत

उनके धीमे कदम
उसे चिंतित करे
घर की दूरी सोचते

एक हाथ में पैड के चूटें बेर
और दूसरे हाथ मे मां काहाथ
साँस बहू उसके आगे चलते
चरागाह के वृत पथ में चहल क़दम

बहते सफेद बादलों तले
बंद आंखे सौम्य गाय का झुंड
चबाते हरे पीले नीले पत्ते फूल

वे दोनो
उनके उड़ते बाल
चमकती मुस्कान
बातूनी मुंह
सामोहित ताल की चाल

कालातीत वृत
उसने सोचा
एक सुखद ठिकाना
बारिश हो या धूप

This is a translation of the poem Timeless Circle by Utpal Thaker
Saturday, August 11, 2018
Topic(s) of this poem: joy,love,peace,time
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