उनके धीमे कदम
उसे चिंतित करे
घर की दूरी सोचते
एक हाथ में पैड के चूटें बेर
और दूसरे हाथ मे मां काहाथ
साँस बहू उसके आगे चलते
चरागाह के वृत पथ में चहल क़दम
बहते सफेद बादलों तले
बंद आंखे सौम्य गाय का झुंड
चबाते हरे पीले नीले पत्ते फूल
वे दोनो
उनके उड़ते बाल
चमकती मुस्कान
बातूनी मुंह
सामोहित ताल की चाल
कालातीत वृत
उसने सोचा
एक सुखद ठिकाना
बारिश हो या धूप