एक दूसरे के पूरक
रविवार, २७ दिसम्बर २०२०
एक कौन केहता है?
आग और पानी ने में रिश्ता नहीं है?
एक जब घु -घु करके जलता है
पानी छिड़कने से वो आहिस्ता आहिस्ता थमता है।
आग और परवाना
दोनों ने कमाई है नामना
एक ने सीखा है जीना
दूसरे ने सीखा है मरना।
फूलों में भी है अश्क
बिख़र जाता है जब सामना हो जाता है इश्क
एक ने है बिखेरना मधुर खुश्बु
और खो जाना है स्वयंभू
साथ सब निभाना जानते है
प्यार में विश्वास भी करते है
अंत तक साथ निभाते है
अंतिम सांस तक प्यार का इजहार करते है।
मोमबत्ती देती है उजाला
साथ देता है पतला सा धागा
ये तो है सोने पे सुहागा
जो नहीं देता साथ वो कहलाता अभागा।
प्यार और समर्पण
उसीको होता है है अर्पण
जिन का प्यार दिखता है दर्पण
यही होते है सुनहरे पल।
डॉ जाडीआ हसमुख
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