चलने का आह्वाहन
सोमवार, २७ अगस्त २०१८
मौसम का नजारा खूबसूरत होता है
मौसम भीगा भीगा हो तो आनंद होता है
एक अपनापन सा एहसास होता है
दिल और दिमाग दोनों तर हो जाते है।
उस में भी कोई साथी हो साथ
और मिल जाइए उसका हाथ
चलने का साथ में आह्वाहन
फिर तो लगने लगता है आननफानन।
वो पल का ना तो कोई है मोल
और ना होता है कोई तोल
बस होता है सुख का मेल
और दो दिलों का चेन।
ऐसे में आदमी जब दूर भी होता है
तो भी दिल धड़कता रहता है
बात करने को जी चाहता है
और बाद में दिल तड़पता रहता है।
याद तो आती ही है
हरदम सताती है
जब बात हो जाय तो, दिल में सुकून लाती है
बात करनी ही तो दिल में उत्सुकता ला देती है।
हसमुख अमथालाल मेहता
S.r. Chandrslekha Excellent write poet. 1 Manage Like · Reply · 1h
याद तो आती ही है हरदम सताती है जब बात हो जाय तो, दिल में सुकून लाती है बात करनी ही तो दिल में उत्सुकता ला देती है। हसमुख अमथालाल मेहता
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welcome s r lekha 1 Manage Like · Reply · 1m