शब्दों में चिल्लाने वाले शूर वीर नहीं होते, Poem by Dr. Navin Kumar Upadhyay

शब्दों में चिल्लाने वाले शूर वीर नहीं होते,

शब्दों में चिल्लाने वाले शूर वीर नहीं होते,
न ही गँभीर होते हैं,
मगर वीर वही कहलाते,
जो अचानक सबकुछ कर देते हैं।

Tuesday, November 20, 2018
Topic(s) of this poem: love
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