मोहब्बत में जो है टूटा हुआ दिल। Poem by Ahatisham Alam

मोहब्बत में जो है टूटा हुआ दिल।

Rating: 1.5

मोहब्बत में जो है टूटा हुआ दिल
उसकी एक नहीं, हैं कई मन्ज़िल
किसी ने तन्हाई पसंद की
तो कोई पागल आवारा हुआ
कोई ऐसा भी जिसे दुनियाँ में
सिर्फ़ ख़्वाबों का सहारा हुआ
कोई दर्द में घुट घुट के जीता
तो किसी का कुछ अलग बयाने ग़म हुआ
कोई शायर बन के यादों में जीने लगा
तो कोई आज ये 'आलम' हुआ।

Sunday, January 6, 2019
Topic(s) of this poem: broken heart,love
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COMMENTS OF THE POEM
Akhtar Jawad 10 January 2019

Nice and touching, a beautiful poem.

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