जीवन का आनन्द Poem by Rinku Tiwari

जीवन का आनन्द

सब कहते है जीवन का आनन्द लो
कौन जानता है काल कब आयेगा
जीवन की किस घड़ी श्वास जाएगा
जो भी बचे श्वास है उनका आनन्द लो
संसार मे सुख है न
या दुःख ही दुःख है न
एक बार संतोष का आनन्द लो
कोई धन के पीछे दौड़े
कोई चिन्ता ले रोयै
कही बैठ कर एक बार आराम का आनन्द लो ।

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