तरुण तेजपाल Poem by Sanjay Amaan

तरुण तेजपाल

Rating: 5.0

ख़बर बनाने वाले ख़ुद ख़बर बन जायेंगे सोचा न था.
अब ये भी शलाखों के बीच नज़र आयेंगे सोचा न था
तहलका के तरुण तेजपाल ने कैसा प्रकाश किया हैं
कलम के सिपाही भी मक्कार कहलायेंगे सोचा न था.
- sanjay amaan

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Sanjay Amaan

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