ऊच नीच का पापड़ा Poem by royal khatana

ऊच नीच का पापड़ा

मैं पीछे हटा और
तू आगे बढ़ा
मुझे हटा हटा के
तू आगे बढ़ा
चल मैं भी तेरे
पीछे हूँ चल रे
कहाँ तक तू जायेगा
कभी मेरे बराबर
और एक दिन मेरे पीछे ही आ जायेगा! !

अरे ऐसा मत ना कर भाई
ऐसे ना दूर तक
तू ज्यादा जा पायेगा
बेटा दुनिया गोल है मटोल है
मैं वहीं मिलूंगा जहाँ घूम के
एक दिन तू आ जायेगा! !

सुन रे पगले मायूस
क्यूँ होता है रे तू
ये रॉयल खटाणा मनीष
हर बच्चे में नौजवान में
ये विश्वास जगायेगा
वो भी और तू भी बुलंद हो जायेगा! ! ................ Royal Khatana Manish

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