एक एहसास जिंदगी का Poem by Sharad Bhatia

एक एहसास जिंदगी का

Rating: 5.0

एक एहसास जिंदगी का...

एक एहसास दर्द का वो "जिंदगी" हैं,
एक एहसास मिठास का वो "जिंदगी" हैं।।

जो हँस कर "जी" ले वो जिंदगी हैं,
जो रो कर "जी" ले वो जिंदगी हैं।

क्योंकि जिंदगी तो एक संघर्ष का पहिया हैं,
जो उसे घुमा गया, वो जीता है।।

मत सोच, मत हार, बस करता जा,
एक प्रयास जीने का तू करता जा।

जब तक तू गिरेगा नहीं तो उठेगा कैसे
उठेगा नहीं तो दौड़ेगा कैसे

दौड़ेगा नहीं तो वो मंज़िल कैसे पायेगा,
जो खड़ी तेरा इन्तज़ार कर रही है,
बिछाए फूल तुझसे मिलने के लिए बेकरार हो रही है

हैं, उसकी आँखों मे भी आँसू, शायद खुशी के जो छलकते हैं,
रह - रह तुझे सलाम जो करते हैं,
एक एहसास हार कर जीतने का वो जिंदगी हैं ।।.

एक प्यारा सा एहसास मेरी नन्ही कलम से-

(शरद भाटिया)

एक एहसास जिंदगी का
Wednesday, August 19, 2020
Topic(s) of this poem: endeavour
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
This is inspired by Our beloved Guruji Dr.Jadia Hasmukh poem's "life no hurdle".
COMMENTS OF THE POEM
Varsha M 19 August 2020

Jabtak tu girega nahi to oothega kaise Oothega nahi to daudega kaise Daudega nahi to wo manzil kaise payega Jo khadi tera intezaar kar rahi hai Bechate phool Tujhse milne keliye bekarar ho rahi hai. Bahut khoob ehsaas. Dhanyawad.

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Rajnish Manga 19 August 2020

ज़िन्दगी को नए अंदाज़ में परिभाषित करती है यह खूबसूरत कविता. हार्दिक धन्यवाद. " जब तक तू गिरेगा नहीं तो उठेगा कैसे उठेगा नहीं तो दौड़ेगा कैसे"

0 0 Reply
Aarzoo Mehek 19 August 2020

Khati meethi ehsason ka naam hi zindagi hai. Ek khoobsurat kavita. Likhte rahiye.10++

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