ऐ मोहब्बत,
तेरे साथ सिर्फ एक "ख्वाब" देखना चाहता हूं,
अपनी पूरी जिंदगी तेरे साथ जीना चाहता हूं ।।
माना तू मोहब्बत हैं मुझसे मोहब्बत नहीं करती,
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ऐ जिंदगी
ऐ जिंदगी, तू इतनी भी बुरी नहीं,
तुझे पाने के लिए मैंने शिद्दत से कोशिश नहीं की,
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नया साल (New Year)
अब नये जोश के साथ चलना हैं,
नये नूतन का अभिनंदन करना है।
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दशहरा (Dusherra)
आओ मिलकर दशहरा मनाए,
अपने अंदर के रावण(अहंकार)को जलाये।।
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Diary (डायरी)
जिंदगी की जहोदजद से वक़्त निकाल कर,
आज कुछ डायरी के पन्ने पलटे।।
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"मैं (अहंकार)"
"मैं"मौत थी, जो मुझे मार रही थी,
मेरे साथ मेरा घर उजाड़ रही थी।।
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अदब तालीम का जौहर है ज़ेवर है जवानी का
वही शागिर्द हैं जो ख़िदमत-ए-उस्ताद करते हैं
-चकबस्त ब्रिज नारायण
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अब वो भी छुपाने लगे
अब वो भी छुपाने लगे,
हम जो दो बात कभी इकट्ठे करते थे,
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नींद और मैं
मैंभी नींद के आगोश मे सिमटना चाहता था,
पर कमबख्त मैं जिंदगी की उलझनो मे उलझा था।।
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अस्तित्व
आज का मनुष्य अपना अस्तित्व भूल चुका है,
चंँद पैसे कमाने पर अपने "वज़ूद" से अपने आप को दरकिनार कर चुका है।।
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A Grape With An Ape
"A Grape With An Ape"
Men always look like ape,
Women always look like grape,
Men always talk about women's shape,
Women always talk about men's crape,
When a ape gets marriage to grape,
Then, they laugh and say that ape with grape.
Contd..... poet whose poetry reflects life. His pen tries to give life to every feel that his hearts feels, be it mother and son, peer life or love emotions bubbling and never missing social evils that's polluting and above all biopic reflections too. Enjoy his beautiful collection which is enthusiasm and true feel. Best wishes to the bard.
Seeing life with the goggles of ambient world nurtured in morals that sounds humans. Every leaflet if life remains unattended by his ehsaas that plays the magical wand and encaptivate as words weave and reflect life. Contd...
जीवन की छोटी छोटी अनुभूतियों को खूबसूरती से कागज़ पर उकेरने में दक्ष शरद जी की कवितायें दिल को छू जाती है उनकी सफलता की कामना करते हुये मैं उन्हें अपनी शुभ कामनायें देता हूँ.
गलत शब्द' और 'गलत सोच' हमारे जीवन मे दूरियाँ बढा देती हैं 'सही शब्द'और 'सही सोच', मनुष्य के जीवन मे बेहतरीन रंग भर देती है इसलिये हमेशा 'सकारात्मक सोचे', 'सकारात्मक करे''' शरद भाटिया
If Someone Ask Me Who is Your Best Friend? I Will Simply Say… 'Someone Who'll Never Avoid Me Just Because of Someone Else'..! ! !
Quality is never an accident. It is always the result of intelligent effort.
Mistakes are a great educator when one is honest enough to admit them and willing to learn from them".
शरद जी इस युग के संवेदनशील कवियों में से एक हैं। जो अपने इर्द-गिर्द हो रही बातों को बखूबी अपनी कविताओं में उतार कर प्रस्तुत करते हैं । उनकी कविताएं मार्मिक दर्द, इंसानी रिश्ते और जज्बातों से भरी हुई होती है । वह बड़ी ही खूबी से सरल भाषा में अपनी बात रखते हैं । मेरी ऐसी अपेक्षा है कि वो इस कविता जगत में अपनी एक अलग पहचान बनायेंगे । स्नेह और ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ मैं अपने विचारों को विराम देता हूं।