ऐ मोहब्बत Poem by Sharad Bhatia

ऐ मोहब्बत

Rating: 4.3


ऐ मोहब्बत,
तेरे साथ सिर्फ एक "ख्वाब" देखना चाहता हूं,
अपनी पूरी जिंदगी तेरे साथ जीना चाहता हूं ।।
माना तू मोहब्बत हैं मुझसे मोहब्बत नहीं करती,
फिर भी तुझसे एक बार मोहब्बत करना चाहता हूं ।।
इस जिंदगी की सारी शिकायतें दूर करना चाहता हूं,
मेरी खातिर सिर्फ आज रुक जा...
बस आज रुक जा..! ! !

ऐ मोहब्बत
भूल कर भी कभी मुझे से जुदा नहीं होना,
क्यूंकि तू धड़कन हैं, तो मैं तेरी सांसें ।।
मेरी खातिर सिर्फ आज रुक जा...
बस आज रुक जा..! ! !

ऐ मोहब्बत,
तू, मेरा प्यारा सा एहसास हैं,
और अपने इस प्यारे एहसास को
जिंदगी भर मैंअपने पास महसूस करना चाहता हूं! ! !
विश्वास मान तेरा हूँ,
सिर्फ तेरा ही होकर रह जाऊँगा।।
तू सिर्फ एक बार हाँ तो कर,
जिंदगी भर के लिये तेरा हाथ थाम जाऊँगा ।।
नहीं दूँगा धोखा, यह मेरा वादा हैं
जिंदगी भर साथ निभाऊँगा
तू एक बार हाँ तो बोल
जिंदगी भर के लिये सिर्फ तेरा ही होकर रह जाऊँगा
मेरी खातिर सिर्फ आज रुक जा...
बस आज रुक जा..! ! !



यह एहसास उस मोहब्बत के लिये जिसे मैं ताउम्र
अपनी जिंदगी मे सहज कर रखना चाहता हूँ।।
शरद भाटिया

Tuesday, August 4, 2020
Topic(s) of this poem: feeling,love and dreams,poem
COMMENTS OF THE POEM
Kezia Kezia 18 August 2020

Wah wah...badi mohabbat se mohabbat nibhai gyi h. Bahut khoobsurat.

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Rajnish Manga 05 August 2020

एक मुहब्बत भरा दिल अपने अंदर और मुहब्बत भर लेना चाहता है. सांसारिक आदान-प्रदान और सद्भावना के लिए इसके बढ़कर एक इंसान को और क्या चाहिये. महान उदगार समेटे एक श्रेष्ठ रचना. धन्यवाद.

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Mehta Hasmukh Amathalal 04 August 2020

nice one.. good. i liked.. clear 10 मैंने खूब चाहा Tuesday, August 4,2020 9: 49 PM मिल लो एक बार नहीं भूल पाओगे संसार इस में है खूब सार रहो सदा खुश और मिलनसार। डॉ. जाड़िआ हसमुख

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Varsha M 04 August 2020

Bahoob nibhaya maamoor aur muhabbat ka prem rag. Nam aakhoon se jawab ka intizaar karte reh gaye. Bahoot khoob.

0 0 Reply
M Asim Nehal 04 August 2020

दरख्वास्त से भरी इस कविता में आपने अपने जज़्बात को समिट लिया, बहुत खूब ख्याल है।

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