"वो बरसात"
वो बरसात. जो अपने साथ खुशियो की लहर लाती,
वो बरसात, जो हौले - हौले कानो मे मधुर संगीत सुनाती ।।
वो बरसात, जो दिल को एक प्यारा सा सूकून दे जाती,
वो बरसात, जो हर किसान के चेहरे पर चमक लाती
वो बरसात, जो मुझे अपने साथ नाचने पर मजबूर कर जाती,
वो बरसात, जिसमें मैं भीगना चाहता हूँ,
और अपने आप को उसमे डुबोना चाहता हूँ ।।
वो बरसात, जिसका मैं हर साल बेसब्री से इंतजार करता हूँ,
उसको अपनी बाँहों मे भरने के लिए बेकरार होता हूँ।।
वो बरसात, जिसमें मैं बच्चा बनना चाहता हूँ, अपनी पुरानी यादों को यूँही ताजा करना चाहता हूँ,
शायद उसमे आज भी अपनी वो ही पुरानी काग़ज़ की नाव चलाना चाहता हूँ।।
वो बरसात, वो प्यारी बरसात, जो मेरे दोस्तों के साथ हॅसी ठिठोली किया करती,
रह - रह उनकी याद आज भी कराया करती ।।
वो बरसात, जिसकी मीठी - मीठी बूंदे मिट्टी पर गिर कर उसे और सुगंधित कर देती है,
और चारो और खुशबु की एक मीठी से लहर फैला देती है।।
वो बरसात, जिसे देख कर पेड़ के पत्ते भी मुस्काते
शायद उससे दोस्ती जो करना चाहते।।
एक प्यारा सा एहसास बरसात पर मेरी नन्ही कलम से - (शरद भाटिया)
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Barish ki wo boondein Kahi ankahi sab baha le jati Kuch katte to kuch meethe Pal chood jati Barish ki wo boondein Chhoti he sahi Dil ko choo jati Kahi ankahi sab baha le jati. Bahut khoob yaadein beete kal ki. Dhanyawad aapke protsahan keliye.