जिनके इरादे बुलंद होते है।
जिनके इरादे बुलंद होते है।
खुदा को ऐसे बंदे बहुत पसंद होते हैं।
भले हीं सारे साथ छोड़ दें गर्दिश में,
वो हमेशा उसके संग होते हैं।
ज़िन्दगी में सब तरह के वक़्तआते हैं,
कभी -कभी हमारे हिम्मत तोड़ जाते हैं।
जब ज़रूरत होती है सबसे ज़्यादा,
तभी सारे अपने साथ छोड़ जाते हैं।
हम नहीं चाहते हैं जिस राह पर चलना,
तुफान हमको उधर मोड़ जाते हैं।
बादल कुछ ऐसे ढंक लेता है सूरज को,
दिन में भी अंधकार निकल आते हैं ।
आँधियाँ आती है कभी इतने ग़ुस्से में,
पत्ते तो पत्ते पेंड को भी जड़ से उखाड़ जाते हैं ।
लेकिन जिनको हारने की आदत नहीं,
वो कोई न कोई राह खोज लेते हैं ।
जिनके इरादे बुलंद..............., , ,
सबको अवसर कहाँ एक- सा मिलता है,
बंजर धरती पर फ़ुल कहाँ खिलता है।
धरती की प्यास कभी इतनी बढ़ जाती है,
उसकी छाती दर्द से जगह -जगह से दरक जाती है।
लेकिन बादल कब तक उसको तड़पाता है,
एक दिन खुद हीं उसका दामन आंसुओं से छलक जाता है।
वक़त कैसा भी हो बदलता ज़रूर है।
रात कितनी भी लंबी हो सूरज निकलता ज़रूर है।
हर राह मुश्किल से भरी होती है,
लेकिन चलने वालों को मिलती जरूर है।
उनको कौन सही राह से डिगा सकता है।
जिनके क़दमों में अंगद के क़दमों सा बल होते हैं।
जिनके हौसले में....................
आशुतोष कुमार
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