A-214 तेरी याद आने लगी है 2.12.16—6.58 Am Poem by Amrit Pal Singh Gogia

A-214 तेरी याद आने लगी है 2.12.16—6.58 Am

तेरी याद आने लगी है
मुझको सताने लगी है
महक ताजा हो रही है
दिल को लुभाने लगी है

तेरी याद आने लगी है

ये दूरियां अब कम हों
कब दूर मेरे ये गम हों
एक ख्वाब की कमी है
अब नज़र आने लगी है

तेरी याद आने लगी है

हम तुमसे जब मिले थे
थोड़े सपने भी सिले थे
थोड़ा एहसास भी हुआ
तू करीब आने लगी है

तेरी याद आने लगी है

सुनहरे सपनों से भरी है
कोई गीत सुनाने लगी है
तरन्नुम का एहसास है
हर शै मुस्कराने लगी है

तेरी याद आने लगी है

Poet: Amrit Pal Singh Gogia "Pali"

A-214 तेरी याद आने लगी है 2.12.16—6.58 Am
Sunday, December 4, 2016
Topic(s) of this poem: love
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success