सिर्फ कहने को 'हम' थे Poem by Akhya K

सिर्फ कहने को 'हम' थे

कहने को तुम थे, पर मेरे लिए तो हो कर भी नहीं थे,
कहने को तो हम हमेशा साथ रहते हैं, पर मेरे साथ हो कर भी तुम मेरे पास नहीं थे,
कहने को तो हम घन्टों बातें करते थे, पर मुझे जो कहना होता था वो तुम सुन्ना ही नहीं चाहते थे,
कहने को तो हम प्यार करते थे, पर सच पूछो तो मोहब्बत तो सिर्फ मैंने की थी,
तुम तो मानो कोई कर्ज चुका रहे हैं।

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