अपना बनाना
अपना जब पराया लगने लगे
तब ही सोचने लगेंगे
ये क्या हो रहा है जीवन में?
आंधी का संकेत क्यों मिल रहा है गुलशन में?
थम जाने दो तूफ़ान
ना मचाना कोहराम
धीरे से सोचना है हमारा काम
फिर लगने लगेगी सुनहरी शाम।
हो सकता है नजर का धोखा
आँखों ने जो देखना था वो नहीं देखा
मन ने भी अपना रास्ता चुन लिया
बस फिर तोआंधी और तूफ़ान ने जगह ले लिया।
ये वजह नहीं हो सकती
नजरे बार बार धोखा नहीं खाती
अपनों पर प्यार ही है बरसाती
रोती प्यार से और हरखाती।
मेरे अपने अपने है
जिनको मैंने अपनाएँ है
गले से लगाकर पाला है
तभी तो इतना बोलबाला है।
ना रखेंगे कभी ऐसी सोच
जो करवाएगी अपनों से संकोच
होने तो बस हँसके जीना है
दूसरों को अपना बनाना है।
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ना रखेंगे कभी ऐसी सोच जो करवाएगी अपनों से संकोच होने तो बस हँसके जीना है दूसरों को अपना बनाना है।