अपनी मनमानी
मंगलवार, ५ मई २०२०
यह दुनिया है फानी
ये बात तूने क्यों ना जानी?
तू ने कर ली अपनों मनमानी
अब भुगत ले अपनी हानि।
ये तेरा काफिला
अब हो गया अकेला
कोरोना ने कहर ढाला
तुझे बड़ी मुश्किल में डाला।
ना देखा तूनेइंसानी रिश्ता
बन गया शैतान और ना बना फरिश्ता
तू ने अपने तक ही रखा सिमित
और फिर दिखा भी दिया सस्मित।
कुदरत ने भी सोच लिया
निःसंकोच किनारा कर दिया
ऐसे गेबी हाथ से मारा
औंधे मुहबल तू जा गिरा।
सम्हाल, अभी भी वक्त के रहते
ना कर बहाना रूठते रूठते
नहीं चलेगा अभी नेहले पे देहला
रेह्जा आगे सभी से पहला।
सुधर जा और बाज आजा
नहीं तो बज जाएगा बैंडबाजा
कुदरत की मार ऐसे लगेगी
सभी पर टूटकर केहर बरसाएगी
हसमुख मेहता
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सुधर जा और बाज आजा नहीं तो बज जाएगा बैंडबाजा कुदरत की मार ऐसे लगेगी सभी पर टूटकर केहर बरसाएगी हसमुख मेहता