भोलेपन के राज़
भोलेपन के कई राज़ है
कोई हमारा हमराज़ है
कोई हमेशा नाराज है
पर कोई अजीज भी है।
हम मानते है
कभी उनकी बातों से हँसते है
पर गुस्से में नहीं आते है
प्यार से और धीरे से कह जरूर देते है।
हाँ हम बुद्धू है नहीं
पर वो मानते ही नहीं
जब खुलती है उनकी आँखे
तो सोचते है 'राम रखे उसे कौन चखे '
हम कहते है
वो सुनते है
पर बाज नहीं आते
थक कर सर नीचे कर जाते।
बच्चू इतना मत ऊडो
की अपने को ले डुबो
सन्मान दोगे तो ही मिलेगा
अन्यथा समय खराब ही होगा।
हम ज्यादा समय चुप रहते है
लोगो को ज्यादा सुनते है
जीवन के सुखदुख हमें भाते है
पर जीवन, जीवन ही है उसको निभाते है।
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