Bola Patthar (Hindi) बोला पत्थर Poem by S.D. TIWARI

Bola Patthar (Hindi) बोला पत्थर

मैंने बनाया
कहता मेरा घर
बोला पत्थर

बना पत्थर!
तू दिल रख कर
बोला पत्थर

चलाता छैनी
निर्मोही दिल पर
बोला पत्थर

मुझे टक्कर
रोयेगा मारकर
बोला पत्थर

मूर्ति मुझमें
काढ़ ले गढ़कर
बोला पत्थर

वैसे का वैसा
सदियों रहकर
बोला पत्थर

खाया ठोकर
चला अँधा होकर?
बोला पत्थर

मुझे भी लगी
तू मारा कसकर
बोला पत्थर

रखे तू सोना
नगीना मैं मगर
बोला पत्थर

ताज महल
मुझसे ही सुन्दर
बोला पत्थर

तराश ले तू
मूरत है अंदर
बोला पत्थर

Wednesday, June 21, 2017
Topic(s) of this poem: hindi,philosophy
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