सहज खींच लेती अपनी ओर
नन्हे एक बालक की मुस्कान।
अमृत सी लगाती बोली उसकी
तुतलाती जब घुसती कान।
गोदी में आकर बैठ जाता तो
मिटा देता सारी थकान।
नन्हें हाथों का कोमल स्पर्श
लगता है ह्रदय को शुभान।
माँ के उर आनंद भर देता
गोदी में बालक का अरमान।
अंगना में खेले जब बालक
घर लगता है स्वर्ग समान ।
बच्चे होते राष्ट्र धरोहर
आने वाले कल की शान।
कर्त्तव्य है हम सबका देना
अच्छा पोषण, उत्तम ज्ञान।
एस० डी० तिवारी
बच्चों का हमारे जीवन में क्या महत्व है, आपकी इस कविता में इसे सुंदर तरीके से समझाया गया है. उनका ध्यान रखना हमारा परम कर्तव्य है. धन्यवाद, मित्र. बच्चे होते राष्ट्र धरोहर आने वाले कल की शान।
Verily, a child is like an angel, innocent and a treasure of joy
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I would like to translate this poem
A child learn very frequently and easily from direct observation from his own experience. A thought shining poem shared with nice composition.10
Thank you very much