"क्या घड़ी ये आन पड़ी, सन्नाटा छाया चारो ओर;
इम्तेहान है ये मुश्किल, स्मा रात दिन है घनघोर।"
"सम्पूर्ण जगत की, जीवन की, है कल्पना अब हमसे;
रखना होगा सब्र, निभाएं ज़िमेदारी अपनेपन से।"
"कुछ पल का भ्रमण कर सकता है वार;
ये वार मिटा सकता है, इंसानियत की आधार।"
"धेर्य हमारा हथियार है, जीत होगी निश्चित;
हर एक का साथ मिले, बीमारी फेली हो चाहे वैश्विक।"
"दें साथ, रहे घर संग परिवार और बचाएं कोरोना का परहार।"
-समर सुधा
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