दर्द और दुविधा
हम तो रह गए अवाक्
जैसे ही पढ़ा अचानक
'जरुरत पड़ने पर आजमा लेना'
ना मन सको तो कुबूल भी करवा लेना
में धीरे से हंस पड़ा
उनका भारी था पलड़ा
प्यारकी थी वो साम्राघ्नि
शीतलता की शक्ति और चांदनी।
दिल ने चाहा
और दिल ने ही पूछा
यहीं तो दर्द है यहीं तो गम है
क्या बताऊ में फिर भी की 'वो मेरे हमदम है'
सामने बैठ हो लेकर प्रेमप्याली
फिर तो पकेंगा हमारा पुलाव खयाली
न किसीका डर और नहीं किसीकी फजीहत
बस कोई फिकर नहीं की हो जायेंगे आहत
पलके उठाओ तो कोई बात बने
दिन ढल जायेतो रात भी सुहानी बने
में देखू आंखो मे उछलता हुआ समंदर
बस मिटा दू अंतर और खोल दू मन का द्धार।
सुन्दर दिखने के लिए आँखों में डाला है काला आंजन
पर खाने में ना चाहिए कोई व्यंजन
बस ललना हो सामने बैठी प्यार जताएं
कहें हमें 'हम तैयार है बांह फैलाएं
'हम सोचते है उनकी ग्लानि के बारे में
डर को समाये बैठे है अपने आँचल में
'कुछ हो गया तो क्या मुंह दिखाएँगे'
किस किस को कहानी बयां करते रहेंगे।
हम जान गए उनका दर्द और दुविधा
वो न तो कहना चाहते थे अलविदा
और नहीं बन पड़ता था मना करना
हमने भी अनुचित समझा, उनपर कोई दबाव डालना।
Rajani Champaneri, Timileyin Gabriel Olajuwon and 2 others like this. Hasmukh Mehta welcome Just now · Unlike · 1
Seen by 1 Keshav Kumar likes this. Keshav Kumar WAH ATI UTTAM RACHNA SIR 1 min · Unlike · 1
Vipul Meh likes this. Hasmukh Mehta welcome Just now · Unlike · 1 6 minutes ago by hasmukh amathalal | Reply
Sukhpreet Grewal likes this. Hasmukh Mehta welcome 7 mins · Unlike · 1 11 minutes
welcome pinki jinodiya Just now · Unlike · 1 10 minutes ago
Hasmukh Mehta welcome manoj shukla Just now · Unlike · 1 9 minutes
Devendra Sagar Sundar rachna 1 hr · Unlike · 1 9 minutes ago by
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