देखकर रोता
मैंने कहा "तुम मेरी जहान हो "
मेरी जान भी हो
जो कह ना सकूँ
पर कहने से कैसे चुकू?
छा गयी तुम मेरे मन पर
साम्राग्नि बनकर राज किया दिल पर
अब कैसे बताऊँ तुम मेरे लिए क्या हो?
बस मेरे मर्ज की एक ही दवा हो।
तुम न होती तो में पतझड़ महसूस करता
सावन के महीने में मायूसी का अनुभव करता
जीवन में खालीपन का ईजारा मेरे पास ही होता
घर के एक कोने में धीरे से रो लेता।
जीवन में प्यार का बहुत महत्त्व होता है
किसी को पा लेना समय को जितना होता है
में कभी ना कह पाता मेरी आरजू
जिंदगी यूँही कट जाती बिन पकडे तेरी बाजू ।
आज में खुश किस्मत हूँ
और यादगार पलको में बसा हूँ
उसके बिना रेगिस्तान का एक फूल होता
मेरी हालत पे हरकोई देखकर रोता।
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उसके बिना रेगिस्तान का एक फूल होता मेरी हालत पे हरकोई देखकर रोता।
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WElcome imelda masacupan Like · Reply · 1 · Just now Manage