देवालय में चढ़ाया जाता है
छोटा सा फूल कहता है गुलाब से
क्यों रहते हो तुम रुआब से?
तुम्हे और कोई पसंद क्यों नही आता?
ये भेद किसने बनाया और हमें है सताता?
'मुझे खुद पसंद नहीं' ये सबका रोना
पर मुझे सच का तो हो मालूम होना
में अपने आपको 'फूलों का राजा' नहीं मानता
ये कठोर सत्य सच में मुझे नहीं सुहाता
मेरी खुश्बु का मुझे अन्दाज नहीं
मेरे लिए हो सकता है आसान ओर सहज सही
बाकी सब फूल भी अपने रुप निखार में अनुपम है
उनका सौन्दर्य भी अपने आप में श्रेष्ठतम है
मेरे आँचल में कांटे भी है और खूबसूरती भी
दुनिया इसी लिहाज से दिखती है ऒर मरती भी
सभी जगह पर मेरा ही है बोलबाला
अपनी प्रेमिका का श्रृंगार भी बनाता है कोई मतवाला।
हर किसी को खूबसूरती का वरदान नहीं
खूबसूरती को बयाँ करना अासान भी नहीं
वो तो देखने वाले की आँख में फरक है
अपनी माशुका वह अकेला आशिक है।
'प्यार ईश्वरीय देंन है' जो हर किसी को प्राप्त नहीं
'मांगो तो नहीं मिले' क्योंकि वो अप्राप्य ओर आसान नहीं
भाग्यशाली होते है वो जिन्हे प्यार नसीब होता है
बाकी सब भी नसीबवान है पर सब अजीब सा दीखता हैं
ना करो इतना रंज ये सब उपरवाले की बलिहारी है
'प्यारा के वमूल्यन का एक तर्क' ही अविचारी है
प्यार तो एक उपहार ओऱ अनमोल तोहफा है
बस सही मानो तो सब इश्क़- इ - वफ़ा है
'मत छूना' लोग भी कदर करना जानते है
हर नाजुक और खूबसूरत चीज़ को आदर-सन्मान से मानते है
'गलती से भी छू लेना ' पाप समजा जाता है
वो तो किसी की मजारपर या भाव से देवालय में चढ़ाया जाता है
Reeta Sharma likes this. Hasmukh Mehta welcome 2 secs · Unlike · 1
Tanuja Parihar ???! ! ! ?? ????? ??? ????....?????? ???? ??? ?? ???! ! ! 1 min · Unlike · 1
Acharya Rajnish Bhardwaj likes this. Hasmukh Mehta welcome 3 secs · Unlike · 1
welcome e · · Share Seen by 25 Suresh Vaishnav like this. 5 secs · Unlike · 1
welcome Purvi Mehta and Evelyn Cinco Abrea like thi 2 secs · Unlike · 1
Ramesh Chand Sai likes this. Hasmukh Mehta welcome 3 secs · Unlike · 1
S.r. Upadhyay Wah Hansmukh jee! bahut khoob! Pyar ishwareeya den hai jo ha kisi ko prapt nahee- hridaygrahee pankti hai, jo mere wichar se pure kavya ko sugandhit kar rakkha hai! Dhanyawad! 9 mins · Unlike · 1
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JaiRam Tiwari likes this. Hasmukh Mehta welcome 5 secs · Unlike · 1