एक ही डाल के पंछी
मंज़िल ना हो पास तो भी क्या बात है?
और पास होकर भी दूर हो तो क्या गम है
दिल तो है धड़कने के लिए
मजे तो है लूटने के लिए।
हर चीज़ का वक्त होता है
रात को आदमी सोता है
सुबह होते ही उसे मालुम पड़ता है
की वो जिन्दा है या मुर्दा है।
हम तो मन पर राज करेंगे
दिल की बात करते रहेंगे
मंज़िल मिले या ना मिले
क्यों रखे हम शिकवे या गीले?
कविता बन गयी सोचते सोचते
शब्द आते गए लिखते लिखते
कई बार सोचे इस बात को ना लिखे?
पर कोई बात सीखना चाहे तो कैसे सीखे?
होना तो वोही था जो भाग्य में था
जो मिल गया वो एक सौभाग्य था
किस को मिलता है मनचाहा साथी?
हम सब तो है एक ही डाल के पंछी।
webirendra jhalcome Unlike · Reply · 1 · Just now today by hasmukh amathalal
x welcome rajesh verrma Unlike · Reply · 1 · 1 min today
कैलाश दान चारण nice See Translation Unlike · Reply · 1 · 52 mins
Rampal Aada Rampal Aada अनुपम भावाभिव्यक्ति- See Translation Unlike · Reply · 1 · 42 mins
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होना तो वोही था जो भाग्य में था जो मिल गया वो एक सौभाग्य था किस को मिलता है मनचाहा साथी? हम सब तो है एक ही डाल के पंछी।