सुसाइड बॉम्‍बर Poem by Geet Chaturvedi

सुसाइड बॉम्‍बर

कविता को उपयोगितावादी दृष्टिकोण से देखना मुझे नहीं पसन्द।

फिर भी मन में कई बार आता है ख़याल
कि कोई मानव-बम
बटन दबाना भूल जाए
कि उस समय वह कविता पढ़ रहा था

उसके बाद अपना बम उतार कर
ख़ुद एक मानव-कविता बन जाए
ताकि दूसरे बम उसे पढ़ सकें।

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Geet Chaturvedi

Geet Chaturvedi

Mumbai / India
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