हजयात्रा
हजयात्रा
क्या होगी मात्रा?
जानेवाले लोगो की
आस्था के विचारों की।
गदगद हो जाता है आम आदमी
सरकार ने भर दी है हामी
जैसे कोई हमदर्द बुढ़ों को तीर्थदर्शन कराता है!
उसी तर्जपर सरकार मदद करके अपना फर्ज अदा करता है।
यदि वो लोग हज अदा करके कुछ अपने साथ लाते है
विचारो में परिवर्तन और खुश्बु ले आते है
यहाँ तक तो ठीक है उनकी सोच
पर कही ऐसा तो नहीं यहां है कोई राजनितिक पहुँच।
क्योंकि प्रजा का एक हिस्सा बहुत गरीब है
पैसा नहीं और आचरण शरीफ है
यदि हम थोड़ा सा अपना उदारपन दिखा सकते है
समझो ऊपरवाला भी महेरबान रहता है।
उनके पास भी धन की कमी नहीं
पर वो आ जाते है प्रलोभन में यही
जहाँ तक आस्था से प्रभु का दर्शन करना है
हमारा बड़प्पन है और हमें उसकी आलोचना नहीं करना है।
यदि बरसना है तो कुदरत जरूर महेरबान होगी
हमारे इरादों को भी साकार करेगी
जो हाज़ी वापस बुलंदी के साथ आएंगे
शायद देश के मजबुत मंसूबों के काम आएंगे।
हम कई बुजुर्गों को मंदिर की पौड़ी तक ले जाते है
कभी आते जाते सड़क भी पार करा देते है
आप को दो शब्द आशीर्वाद के जरूर सुनने मिलेंगे
'बेटा खुश रहना 'और सुनकर आप भावविभोर हो जाएंगे।
चलो जी अच्छा हुआ आप इन गद्दारों से वाकिफ है लेकिन सेक्युलर लोग इनका खुलकर पक्ष लेते है तो इनका मनोबल बढ जाता है और हिंदुओं का मनोबल गिर जाता है.. patiram patel
वाह सर जी बहुत अच्छा लगा मुझे आप से मिलकर शुरू में मेरी धारणा आप के प्रति कुछ और बन रही थी
हम कई बुजुर्गों को मंदिर की पौड़ी तक ले जाते है कभी आते जाते सड़क भी पार करा देते है आप को दो शब्द आशीर्वाद के जरूर सुनने मिलेंगे बेटा खुश रहना और सुनकर आप भावविभोर हो जाएंगे।
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem
welcoem mumuksha mehta Like · Reply · 1 · Just now