हल्ला बोल
मंगलवार ५ अक्टूबर २०२१
हल्ला बोल, हल्ला बोल
तोल मोल के बोल,
आगे रास्ता कठिन
पर नहीं मुश्किल। हल्ला बोल, हल्ला बोल
कोई संग नहीं आए
मुश्किल तेरी बढ़ जाए
हवा का रुख बदल जाए
काले बादल छा जाए। हल्ला बोल, हल्ला बोल
अकेला ही अकेला तू आगे बढ़
सर करना है तुजे ऊँचा गढ़
होंसला अपना ऊंचा रख
पहली जीत का रंग तो चख। हल्ला बोल, हल्ला बोल
ना जोश कभी कम हो
ना होश मे कभी गम हो
जोश में होश का संगम हो
वर्तन मे भी अनोखा संयम हो। हल्ला बोल, हल्ला बोल
पक्का हो यदि मने में इरादा
मे कर सकता हूँ तुमसे वादा
सफलता पाने मे में हूँ आशावादी
जो चूक गया प्रण में तो होगी बर्बादी। हल्ला बोल, हल्ला बोल
पीछे मुड के तू ना देख
तूने ले लिया है भेख
सोने की थाली में ना होये कोई मेख
जीवन का हे ये आखरी सन्देश। हल्ला बोल, हल्ला बोल
जीवन से जीना
जीवन से सीखना
मिलकर सब के साथ
बढ़ाना अपना हाथ। हल्ला बोल, हल्ला बोल
डॉ हसमुख मेहता
साहित्यिकी
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