हमें आपके लिए
उसने ना देखा दुबारा
और झट से कर लिया किनारा
में देखता रह गया बेचारा
बस उसने मुझे समज लिया था आवारा।
मैंने मानी थी मन्नत
बोला भी था की 'दिखाऊंगा जन्नत'
पर उन्हें भरोसा नहीं आया
मेरा दिल सहज में पसीज गया
मैंने कहा 'इसे मैंने समाल के रखा है'
मेरी जान उसी मे ही समा रखा है
कहो तो में पेश कर दू?
अपने दो बोल आपकी तारीफ़ में पेश कर दूँ!
वो बोली धीरे से 'क्यों बहका रहे हो '?
क्यों मनको ऐसे ही फुसला रहे हो
दिल क्या पेड़ पर उगते है क्या?
जिसको तस्तरी में रख दिया और पेश कर दिया बयां।
चक्कर से आ गए हमें यह सुनकर
दिल धड़कन चूक गया धकधक कर
बात तो उनकी बिलकुल सही थी
प्यार से भरी एक कोरी खाता वही थी
'चलो मान लेते है आपकी बात' वो बोले जा रही थी
हमें वैसे अच्छी लगती है गधे की लात
क्यों करते हो कुठराघात?
जब नहीं पता आपको क्या होता है झंझावात?
हमें लगा दांव उल्टा पड रहा है
मेरा दिल अंदर से सुन्न होता जा रहा है
'सुनते हो ': वो मनोमन मुस्करा रही थी
जैसे मेरी हस्ती का लीरा लीरा उड़ा रही थी।
हमने मायूस होकर कहा
हमारा दिल यह रहा
'एक ही तो था देने के लिए'
आपने उसे भी ठुकरा दिए!
ठुकराया कहाँ है हमने?
सिर्फ आजमा के देख लिया है आपने
आप काबिल तो है हमारे लिए
यही तो कहना है हमें आपके लिए
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