हमें उझाला पसंद है
सुरजदादा का आगमन
ला देता है अमन
फूल खिलते है चमन
डोल उठता है मेरा मन।
कोयल का धीरे से चुप हो जाना
मूर्घे की बांध का चालू रहना
भँवरे का आघे बढ़कर गुनगुनाना
और फूल को अपना बनाना।
फूल का अंगड़ाई लेना हमें पसंद है
बस समुचित खुश रखता एक आनंद है
उसकी सुगंध हमें प्रफुल्लित कर देती है
प्रकृति की और आकृषित करती है।
ऐसी मनचाही हरकत हमें आश्वश्त कर देती है
उसका मतलब सामने लाकर रख देती है
कर भला तो होगा भुला
हमें क्यों एतराज हो भला?
हम करते रहे नमन
बस ऐसे ही बना रहे सूरज का आगमन
हमें उझाला पसंद है
बस चारोओर खुशनुमा वातावरण मनपसंद है
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हम करते रहे नमन बस ऐसे ही बना रहे सूरज का आगमन हमें उझाला पसंद है बस चारोओर खुशनुमा वातावरण मनपसंद है