हर जगह पर चर्चा Har Jagah Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

हर जगह पर चर्चा Har Jagah

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हर जगह पर चर्चा
Friday, May 11,2018
9: 50 PM

तीर निशाने पर लगा
मेरा दिल भी चाहने लगा
पर कैसे कहा जाय उसे?
मै तो गरीब था, और नहीं थे पैसे

प्यार तो गरीब की भी दौलत है
वो तो सेहतमंद भी है
प्यार तो इबादतखाना है
जिसे भी हो जाय, उसकी जरूर नामना हो।

प्यार हरकोई नहीं कर सकता
उसका दिल हरदम धड़कता
उसकी आवाज रात मेंभी सुनाई देती
रातों को अपनी वीरानी से हराम कर देती।

मैं नहीं जानता कौन घायल हुआ
पर में उसका कायल जरूर हुआ
वो भी आजकल राह देखती रहती है
मेरी नजर मिलने पर हंसती रहती है।

हमारा एक होने का मंसूबा जाहिर हो गया है
हर जगह पर चर्चा का विषय हो गया है
हमने कभी उसकी परवाह नहीं की है
हमारे प्यार में कभी कमी नहीं आए है

hasmukh amtathalal mehta

हर जगह पर चर्चा Har Jagah
Friday, May 11, 2018
Topic(s) of this poem: poem
COMMENTS OF THE POEM

S.r. Chandrslekha Awesome. 1 Manage LikeShow more reactions · Reply · 10h

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हमारा एक होने का मंसूबा जाहिर हो गया है हर जगह पर चर्चा का विषय हो गया है हमने कभी उसकी परवाह नहीं की है हमारे प्यार में कभी कमी नहीं आए है hasmukh amtathalal mehta

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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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