Holi Special Poem by Pranav Tripathi

Holi Special

Rating: 5.0

होली है भाई होली है।।।
लट्टू बोला कट्टु से।।
पास हो गया जल्लीकट्टू रे।।
आओ पास अब लड्डू खाओ।
राम कृष्ण के अब गुण गाओ ।
क्योंकी अब्ब है होली आई।।।।।
आई आई आई ।।।।
सारा रररर रा रा होली आई।।।

होली है भाई होली है।।
मान न मान मैं तेरा मेहमान।।
आरक्षण छोड़ देश बने महान।।
अप्पू चप्पू गप्पू लप्पू हैं।।
साथ मेरे भी दीपपु है।।
क्यों की होली है भाई होली है।।।

देख गांव है सज गया फिर आया होली का त्यौहार है
खूब खा यूँ मौज मना लो क्योंकि आनेवाली है बरसात
रंग बिरंगी फूल खिली है इस उपवन उस डाली में
सूंदर बन ठन बैठ लो बस अब आनेवाली लाली है।।
क्योंकि होली है भाई होली है।।।

सारा रा रा रा रा सारा रा रा।।।।जोगीरा सारा रा
बुरा न मानो होली है।।
मोनुवा ने अनुवा पे लगाया रंग पीला देवरिया का।।
रूठ गया अनुवा तो लाया पिचकारी है ललिया का।।
क्यों की होली है भाई होली है।।।


होली है भाई होली।।।
लालू बोला राबड़ी से।।
मिली काँहे नहीं बजड़ि में।
सोनिया को है रंग लगैया।।
मिल बाट के चारा खाया।।

होली है भाई होली है।।।
मार्किट में है मोदी पिचकारी आया।
जो 56 इंच का दुरी नापा।।
ले आओ ना पापा पापा।।
देखो मोदी का पिचकारी हैं आया।।

होली है भाई होली।।
खाने वाले खुश ही खुश है।।
क्योंकि बनने वाली माल पूवा ई है।।
पकौड़ी कचौरी सब ठूसेंगे ही।।।
अब तोह इनो की भलाई है।।
क्योंकि होली है भाई होली है।।।

होली है भाई होली है ।।।।
सारा रा रा रारा रा आरा रा रा रा सारा रा रा रा।।
भोलूवा रंगल्स सोनुवा के।।
देख पताका लालुवा के।।
भाँग खाके सुतल बा।।
देख के देहिया टूटत बा।।
सारा रा रा रा।।।
होली है भाई होली है।।।

होली आई होली आई।।।
रंग बिरंगी खुशियाँ लायी।।
नाचो गाओ मौज मनाओ।।
देख मम्मी गुजिया संग ले आई।।।



होली है भाई होली है।।
रंग बाल्टी में घोर के।।
केके डलबा झोर के।।
आँख नाक अउरी मुह बचैके।।
ना ता आइबा गाली खाके।।।
काहें से की होली है भाई होली है।।

होली है भाई होली है।।
छोटका बड़का सब मिल के खेले।।
लाल गुलाबी अबीरे से।।।।
जेकर मन अब तरसा ता।
खेल खेल उ हरषत बा।।।
काहे से की ऑइल अब होली बा।।।

जोगीरा सारा रा रा आरा रा रा सारा रा रा।।
होली है भाई होली है।।
मुन्वा पियलस चमटोली में।।
आवत बा देख मनमौजी में।।
राति भर ई फगुवा गएलस ।।
बेटा बिहाने सरसो में पईलस।।
काँहे से की ई होली है।।
सारा रा रा रा रा रा आरा रा रा ।।।

होली है भाई होली है।।
मुनिया कहलस पिंकिया से।।
राजुवा ए बार दुबराइल बा।।
लगत नइखे भैंसिया एकर।।
इहि से इ बचुनाइल बा।।
खीच के खाले ए होली में।।
अबकी बार चढ़ाई बा।।
अगली बार हम न सुनब की।।
मुनिया काहे खिसियैल बा।।
ता बोले जोगीरा सारा रा रा रा रा रा ।।।
होली हैं।।।।।।।।।


होली है भाई होली है।।
ई बगल के भाई कहें मुह हमसे फुलैले बा।।
लगत बाटे राति भर ई गुजिया पूवा खैले बा।।
लगत नइखे खेलले बा ई एक छन्न ई होली हो।
आवा गोलू अब बंद करा एकर अब बकलोली हो।।

होली है भाई होली है।।।
सारा रा ई रा आरा आरा रा र रा रा रा।।।



होली है भाई होली है।।
चिंटूवा पुचलस अपनी चाचा से।।
होली काहैं आवे ला।।।
चाचा खोलले अपन ज्ञान पिटारी।।
कहने ईगो बहुत पुरान कहानी बा।
राम जी जब आईने अयोध्या में।
अंग अंग मुस्काये ला।।।
देख के उनकी कुसल क्षेम में।।।
अबीर गुलाल उड़ावे ला।।
काँहे से की होली एहईगा आवेला।।।
होली है भाई होली है।।।
सारा रा ई रा रआआआआआआआआआआ।।।

होली है भाई होली है।।।
भाग ससुरा ई भाँग पियैलस।।
राति भर ई बकवावे ला।।।
नारी नाला कुछु ना बुझाएला।।।
ईगो घूँट एकर जो हलक के निचे जायला।।।
अंट बंट बकले रहबा जउन।।।
सुबेरे हिसाब मिलावे ला।।
काँहे से की नाम हा दारू।।।
बॉटल एकर बियर शॉप प सूंदर सूंदर आवेला।।
पिल्लै बाद जउन दुनिया नजर ऐसे आवेला।।।
उहि के नाम त हा होली।।।
मारच में जउन आवेला ।।

Wednesday, March 29, 2017
Topic(s) of this poem: holi
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