इतना निम्न Itnaa Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

इतना निम्न Itnaa

इतना निम्न

कांग्रेस के बारे में हम इतना निम्न कभी नहीं सोचे
की वो देश के लिए गीर सकती है इतना निचे
गांधी जी ने ठीक ही कहा था ''बिखेर दे इसे'
वो सोच में पड गए थे इस विचार से

जिनका भूतपूर्व वरिष्ठ प्रधान दुश्मन देश में जाकर जहर उगल सकता हो!
देश के विघटनकारी तत्वों से मिलकर देशकी बदनामी कर सकता हो!
जो आज सिमटकर छोटा सा बन गया हो?
उसकी देशभक्ति के बारे में आप क्या अपेक्षा कर सकते है?

जो किसानो को सरेआम उकसा रहे हो?
उनके आंदोलन को हिंसक रूप देने में सक्रिय रहते हो
पुलिस स्टेशन और दूसरी चीजो को फंक देते हो?
ऐसे लोगो को आप देशद्रोह के आरोप में कालेपानी भेज सकते हो।

सब की रोटी पानी बंध है
लालू भी पुरा आ अँध है
बिहार में अनपढ़ टॉपर हो जाते है
कांग्रेस इनका गाढ़ दोस्त है।

नेशनल हेराल्ड अपने नाम
रखा जहर उगलने के काम
भूल गए जनता जागरुक है!
जितनी जानते हो इतनी बेवकूफ नहीं है।

इनको देश कि सेना से नफरत
बस देश में दंगे हो इसके लिए कार्यरत
वापस सत्ता ऐसे थोड़े ही प्राप्त होगी?
आपके कारनामे की कहानी अबकी बार समाप्त होगी।

इतना निम्न Itnaa
Sunday, June 11, 2017
Topic(s) of this poem: poem
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इनको देश कि सेना से नफरत बस देश में दंगे हो इसके लिए कार्यरत वापस सत्ता ऐसे थोड़े ही प्राप्त होगी? आपके कारनामे की कहानी अबकी बार समाप्त होगी।

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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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