जीना दूभर
गुरूवार, १४ जून २०१८
ना कर जिद इतनी पंंखीड़ा
तु उड़ा तो उड़ा
ना उड़ सकातो जाना तय
शरीर को तो होना है विलय।
एक बात तो तय है
जो इस धरती पर आया है उसे तो जाना ही है
रुकना किसी ने नहीं है जब तक उसकी शरण में हो
बस बाद में बिलखते रहना है।
उसने निर्धारित किया है, उसका आशीर्वाद सदैव रहेगा
जबतक उसकी शरण में हो शरण मिलता रहेगा
उसकी गती है न्यारी
होगी सदगति तुम्हारी।
गिरोगे औंधे मुंह जमीनपर
यदि किया किनारा सत्यपर
शरण खोजो और पद जाओ पाँवपर
शक्ति जरूर प्रदान होगी जीवनभर।
वो किसी को निराश नहीं करता
नाही अपनी मनमानी करता
सच्चे भक्त को अपने पास बैठाता
और क्रूर को उसके किये की सजा दिलाता
"हसमुख"सोच ना इतना
भले का ही फल है भला
ना कोई छूट पाया है ये चक्कर से
यदि सही नहीं जिया तो, दूभर हो जाएगा जीना अपनों से।
हसमुख अमथालाल मेहता
welcome Harmohinder Singh Kohli 1 mutual friend 1 Manage Like · Reply · 22m
Roma Kaur Beautifully written words expressed by emotions of love n affection n dedicate to a friend.... 1 Manage Like · Reply · 9h
welcome Tarundeep Singh 1 mutual friend 1 Manage Like · Reply · 1m
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हसमुखसोच ना इतना भले का ही फल है भला ना कोई छूट पाया है ये चक्कर से यदि सही नहीं जिया तो, दूभर हो जाएगा जीना अपनों से। हसमुख अमथालाल मेहता