कहो हम तैयार है.... Kaho Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

कहो हम तैयार है.... Kaho

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कहो, हम तैयार है

मंगलवार, ३१ जुलाई २०१८

नहीं सोचना ज्यादा
यदि किस्मत है आमादा
आप भूल जाएंगे अपना वादा
यदि आती रहेगी विपदा।

कर्म ही है श्रेष्ठ मार्ग
यही ले जाती है सीडी स्वर्ग
नाहो कोई गुरुर
बस रहे मगरूर।

इंसानी जज्बा है
और साथ में रूतबा भी
काम की ही हो कामना
मिलती रहेगी बाद में नामना।

पराजय के बाद जय
आप के पास है मन्त्र मृत्युंजय
एक बार आप मृत्युं को भी टाल सकते हो
यदि उस से बाथ भिड़ने की भी तैयारी रखते हो।

जीवन का यही फलसफा है
जो नहीं समझता वो बेवफ़ा है
सच से आँखे मुंद नहीं सकते
आनेवाले कल को रोक नहीं सकते।

सोचो, पर आगे के लिए
दुसरा कदम बढ़ाने के लिए
कहो, हम तैयार है!
पार करना हमें संसार है।

हसमुख अमथालाल मेहता

कहो हम तैयार है.... Kaho
Tuesday, July 31, 2018
Topic(s) of this poem: poem
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सोचो, पर आगे के लिए दुसरा कदम बढ़ाने के लिए कहो, हम तैयार है! पार करना हमें संसार है। हसमुख अमथालाल मेहता

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सोचो, पर आगे के लिए दुसरा कदम बढ़ाने के लिए कहो, हम तैयार है! पार करना हमें संसार है। हसमुख अमथालाल मेहता

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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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