काले बादल
सोमवार, १५ अप्रैल २०१९
काले बादल छाए
लोगों में खुशी लाए
बूंदाबांदी कर गए
धारा की प्यास छिपा गए।
बादल और आकाश
सब की आँखों में है प्यास
धरती है प्यासी और तरसती
अपनी आँखों से सदा निरखती।
आकाश ओर धरती का न्याता बहुत पुराना
पूरी दुनिया ने उसको माना
धरती ने ओढ़ ली हरी चुनरिया
आकाश सदा रहा उसका सांवरियां।
धरती माँ के हम लाल दुलारे
दुआ मांगते है मिल के सारे
हमको अच्छी तरह देखना और कृपा बरसाना
हमने भी सदा देखा है उसका तरसना।
हसमुख मेहता