कविता
'क' से बनता था कविता
जो बीत गया वो कल था
आज गीत बनकर उभर रहा है
उसकी याद ताजा बना रहा है
में कैसे लिखू उसके बारे में चंद शब्द?
जो नहीं बन सकी थी मेरा प्रारब्ध
आज भी मुझे वो समा याद है
उसका साक्षी सिर्फ चाँद है
पर उसकी सखी चांदनी थी
वो भी सुन्दर और सयानी थी
उसने झट से दो टुंक पंक्तिया सहजता से कह दी
उसने जान किया था की कविता ही मेरी रूह थी
आज बार बार वो मेरे सामने आ रही है
मेरा कहा हुआ हर शब्द याद दिला रही है
पवन का झौका मुझे संदिग्ध दशा मे ड़ाल रहा है
मुझे मंत्रमुग्ध कर जैसे बेहाल कर रहा है
माना मैंने भी की वो मेरा सर्वस्व ही थी
'पर भाग्या में आना' लिखाकर नहीं आई थी
में बेबस, हताश और दिल से टूट चुका था
बिता कल आज 'कविता' बनकर दिल को छू रहा था
ना जानते हुए भी आज में उसके पीछे था
उसने ही तो आ के मेरे आंसुओको थमाया था
'आज न सही, कल सही'में फिर तुम्हारी बनकर आउंगी
'पुरे दिलपर छा जाउंगी और राज करुँगी' वो बार बार कहती
मेरी कलम उसके जादू तले आ गयी है
बस वो कुछ नहीं सुनती और वोही लिखाती है
क्या बसेरा था वो जो बन नहीं पाया?
बिता कल सुनेहरा था जो आज वापस आया
में तो मुग्ध हो ही जाता हु
पर मेरे वाचक भी मुझे याद दिला जाते है
'सर, क्या आपने किस्मत पायी है'
क़विता के रूप में क्या लिखाई है
मे किस्मत पर कोई टिपण्णी नहीं करना चाहता
पर हर कोई कविता को अपनी बनाना चाहता
वो खुबसूरत और हसीं वादियों से है
मेरा उसका नाता पुराना और सदियों से है
में खुश हूँ उसे फिर पाकर
वो कहती है सब से घर जाकर
'आप पढ़े या न पढ़े, समझे या ना समझे'
बस ज़माना हमसे कभी ना उलझे
Herojit Philem likes this. Hasmukh Mehta welcome a few seconds ago • Unl
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Vimal Nair likes this. Hasmukh Mehta welcome a few seconds ago • Unlike • 1
Raj Deep Awasthi nice sir jee.6 hours ago • Unlike • 1
Mamta Varshney ???? ??? a few seconds ago via mobile · Unlike · 1
2 people like this. Hasmukh Mehta welcome rajeshwar n kavitri lalita a few seconds ago · Unlike · 1
vHasmukh Mehta welcome dr ila a lohia about a minute ago • Edited • Unlike • 1
Manzil Rajput Bahut pyari h kavita :) 6 minutes ago via mobile • Unlike • 1
4 people like this. Hasmukh Mehta welcome sanket, jaykumar, and shanker rawat a few seconds ago • Unlike • 1
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Rao Bhagwat Singh gajb 50 minutes ago • Unlike • 1